पंजाब: शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर एक शख्स ने उस समय गोली चला दी, जब वह अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के प्रवेश गेट पर अपनी सजा के तौर पर पहरेदारी कर रहे थे। सुखबीर बादल पर हमले का आरोपी नारायण सिंह चौरा को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हमले का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि बादल स्वर्ण मंदिर के मेन गेट पर व्हीलचेयर पर बैठे हैं, और उनके गले में तख्ती लटकाई हुई है। तभी एक शख्स उन पर गोली चला देता है, लेकिन यह चमत्कारी रूप से सुखबीर बादल को नहीं लगी। इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने आरोपी नारायण सिंह चौरा को पकड़ लिया।
बादल को मिली धार्मिक सजा
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को 2 दिन की धार्मिक सजा मिली है। उन्हें स्वर्ण मंदिर के गेट पर गार्ड बनकर सेवा करनी है। मंगलवार से वह अपनी सजा काट रहे हैं। एक दिन पहले भी आरोपी नारायण सिंह चौरा स्वर्ण मंदिर आया था, जब सुखबीर बादल अपनी सजा का पहला दिन काट रहे थे। आरोपी तब से ही बादल पर हमले की फिराक में था।
सुखबीर बादल को क्यों मिली सजा?
अकाल तख्त ने 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल और उसकी सरकार की ‘गलतियों’ के लिए सुखबीर सिंह बादल की ‘तनखा’ (धार्मिक सजा) का एलान किया था। बादल को ‘सेवादार’ के तौर पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में बर्तन और जूते साफ करने का आदेश दिया गया था। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल की कार्यकारिणी को पार्टी अध्यक्ष पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर करने का निर्देश भी दिया था।
कौन है गोली चलाने वाला नारायण सिंह चौरा?
नारायण सिंह चौरा कट्टरपंथी विचारधारा और खालिस्तानी आतंकियों का समर्थक है। वह पंजाब के माझा क्षेत्र का निवासी है और उसे आतंकियों की मदद करने के आरोप में घेरा गया है। वह पंजाब की सबसे बड़ी जेल ब्रेक में भी शामिल था, जब उसने 94 फीट की सुरंग खोदकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में शामिल आतंकियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भ्यौरा को फरार कराया था। नारायण सिंह चौरा 1984 में पाकिस्तान भी गया था, जहां से ट्रेनिंग लेने के बाद वह पंजाब में आतंकी गतिविधियों में लिप्त हो गया था।